hindi poems

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kya hai kitabe – क्या हैं किताबें – hindi poetry

kya hai kitabe – क्या हैं किताबें – hindi poetry – rahulrahi.com बेज़ुबाँ किताबों का, दायरा कुछ और है,रास्ता कुछ और है,फ़लसफ़ा कुछ और है। बोलती हैं कुछ नहीं,मौन में विलीन सी,शब्द हैं भरे पड़े,फिर भी शब्दहीन सी,साथ लेके चलती हैं,ज्ञान का प्रवाह सतत,योगीयों की वाणी सा,लाभ है सदा प्रकट,हैं जहाँ वहाँ हैं ख़ुश,कोई भी…

Fir hum mile nahin

बैठा हूँ सिरहाने,लेटा हूँ गोद में,ज़ुल्फ़ों की छाँव में,वक्त रुका सा है,रेशम रेशम एहसास,जो मेरे चेहरे पर,भँवरे भरी लटें,उनकी कुछ खुशबुएँ,उसका मुझपर झुकना,आँखों में झाँकना,होठों से मेरी नाक को,धीमे से चूमना,आँखे बंद है मेरी, अंदर से जागा हूँ,उसको पता है,लेकिन खामोशी है,दोनों एक साँस को,एकसाथ जी रहे,तेज़ी से बीता पल,अब जाने की बारी,नाक से फिसल…

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मेरे जज़्बात – Feeling of Writers – ग़ज़ल

A gazal dedicated to all writers. मेरे जज़्बात – mere jazbat – ग़ज़ल जज़्बातों से जब भी मेरा दिल भर भर आता है,चलती है कलम बस मुझसे रहा नहीं जाता है। क्या क्या गुज़री है जब भी, चुप चाप रह जाता हूँ,पूछते हो तुम मुझ से, तू लिख कैसे पाता है। मुझे नहीं है इल्म…

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When my pen writes –  कब चलती है मेरी क़लम – HINDI POETRY

When my pen writes –  कब चलती है मेरी क़लम #rahulrahi #hindipoetry जब – जब दिल भर आता है, बिना कहे इस दुनिया में, जीना दुभर हो जाता है, तब तब चलती है मेरी कलम। जीवन के हर पहलू को, जीकर मरकर और फिर पाकर, कुछ आता मेरे हिस्से जो, तब – तब चलती है है मेरी कलम। किसी…

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Murderer Metro – क़ातिल मेट्रो – Hindi Poem

Qatil Metro – Hindi Poem – rahulrahi.com जाना चाहते हो तुम तेज़, तो अपनी राह बनाओगे, लेकिन अपने मतलब से, मुझे बाँटते चले जाओगे? वर्ष लगे हैं मुझको अपने, अस्तित्व को सच बनाने में, तुमने ज़रा भी सोचा नहीं, मेरा लहू बहाने में? मैं दो राहों के बीच में, तुम्हारे लिए ही खड़ा था, जीवन…

That Bird – ऐसा वो परिंदा – hindi poem – rahulrahi

Aesa Wo Parinda – rahulrahi.com जाने किस उम्मीद के, सहारे से वो ज़िंदा है,हैं कटे कुछ पर मगर, नभ देखता परिंदा है, जो हैं उसके साथी सब, कैद सारे पिंजरे में, चेह पर मुस्कान है, पर मन से वो शर्मिंदा हैं, जो जिए हैं शान से, आज़ाद से बहारों में, जी गए हर पल अमर,…

Desire to Get – Paane ki Chahat – पाने की चाहत – hindi poem – rahulrahi

Paane ki Chaht – Hindi Poem – rahulrahi.com पाने की चाहत में जब, आलिंगन में हाथ जुड़े तब, चाहत के खोते ही दोनों, हाथ छूट जाने हैं। यौवन पर जो रुकती नज़रे, पास आने के कारण ढूँढें, रंग उड़ते ही बिछड़ जाने के, होते सौ बहाने हैं। सीने की गर्माहट तक ही, बस जो मन…

Instagram’s Heartbreakers – इंस्टाग्राम के लैला मझनू – hindi poem – rahulrahi

जितना हमने पढ़ा है जाना,instagram का अजब है खेला,हर दूजा टूटा दिल मझनू,हर दूजी तड़पती लैला,ज़िन्दगी है उदास तो ज़रा,touch up कर लो,रूठे दिल वालों आपस में,patch up कर लो,दर्द तुम्हारा रोज़ का मुझसे,सहा नहीं जाता,प्रतिदिन का वही बासी रोना,पढ़ा नहीं जाता,कैसे एक ही ग़म से खुद को,divide करते हो,मरते नहीं हो फिर भी जैसे,suicide…

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Ek zamane ke baad – एक ज़माने के बाद – Gazal – rahulrahi

ek zamane ke baad – hindipoem – rahulrahi.com किस्सों की जब तह खुली, तेरे ज़िक्र के बाद, इत्र सा महका लम्हा, एक ज़माने के बाद । होश खोया सच को पाया, सब गया सा हुआ, फ़िक्र गायब मन आज़ाद, मेरे जाने के बाद । घूमते फिरे पर्वत पर्वत, मिला ना कोई निशाँ, आसमाँ गिरा पैरों…

Saboot – सबूत – hindi poem – rahulrahi.com

saboot – hindi poem – rahulrahi.com अपनी ही अदालत में, सबूत कौन सा,दे दो जाने दो, सज़ा जीते जी, कब किसको क्या पड़ी, जिया कौन था? मरा कौन था?फिर आई उसके जो, ताकत हाथ में,कल तक था जो शरीफ, कातिल नकाब में,उसने जलाने की ठानी थी लेकिन,थी उसकी गाँव में दीवानी लेकिन,जब से है सबने…